नई दिल्ली: इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर आज से आम जनता के लिए खुल चुका है. ट्रेड फेयर के शुरू की 5 दिन सिर्फ वेंडर्स आते हैं और इसके बाद ये आम जनता में लिए खोला जाता है. लेकिन इस बार ट्रेड फेयर में अपने स्टॉल लगाने वाले व्यापारी काफी परेशान और दुखी है.
नोटबंदी का सीधा असर इनकी आमदनी पर पड़ा है. व्यापारियों की माने तो, नोटबंदी के चलते लोग भी इस बार ट्रेड फेयर का कम ही रुख कर रहे हैं. शनिवार और रविवार के दिन सबसे ज़्यादा लोग ट्रेड फेयर में आते हैं लेकिन इस बार शनिवार को भी ज़्यादा लोग नहीं दिखे.
5 साल से लगा रहे हैं साड़ियों का स्टॉल
ट्रेड फेयर में तेलेंगाना से आये एस चिन्नी, करीब 5 साल से साड़ियों का स्टॉल लगा रहे हैं. वो कहते हैं की हर बार वो 10 लाख 5 दिनों में कमाते रहे हैं, लेकिन इस बार 5 दिनों में 50 हज़ार कमा पाए हैं. चिन्नी नुकसान झेल रहे है.
5 दिनों में इस बार सिर्फ 20 हज़ार रुपए
राजस्थान से आये कानुराम भी परेशान है. वो खुद जूतियां बनाते हैं और अलग-अलग ट्रेड फेयर में इनको बेचते है. बिज़नेस के दिनों में वेंडर्स भी कई जूतियां इनसे लेते रहे हैं. लोग भी जब आते हैं, तो भी इनकी खूब बिक्री होती रही है. लेकिन इस बार कानुराम बहुत परेशान है, उनका कहना है कि पिछले साल के मुकाबले सिर्फ 25% बिक्री हुई है. शनिवार होने के बावजूद भी लोग नहीं आ रहे है. पहले 5 दिनों में जहां 3 लाख रुपए कमाते थे तो वहीं इस बार सिर्फ 20 हज़ार कमाए हैं. जितना पैसा लगाया है उतना भी वसूल नहीं हो रहा है.
पिछले साल के मुकाबले में रेट भी कम
छत्तीसगढ़ के हॉल का भी यही हाल है. यहाँ पर सूट, साड़ी, और स्टोल बेचने वाले मंगलेश्वर का कहना है कि लोग स्टॉल में नहीं आ रहे है. पिछले साल के मुकाबले में उन्होंने रेट भी घटा दिए हैं लेकिन इसके बावजूद बिक्री में कमी है. वेंडर्स भी इस बार स्टॉल में नहीं दिखे. पिछले साल वो जहां एक दिन में 12-15 हज़ार कमाते थे वो अब 4000- 6000 तक कमा रहे हैं.
निराश लौट रहे हैं कस्टमर्स
यहां पर आये लोगों का भी कहना है कि वो इस बार हाथ को रोककर खरीददारी कर रहे है. जो चीज़ ज़रूरी है बस वही खरीदी जा रही है. वहीं हर स्टॉल पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट को भी नहीं ले रहे हैं, और हर स्टॉल में स्वाइपिंग मशीन भी नहीं है. इस वजह से ग्राहक भी निराश लौट रहे हैं. यहां ग्रेटर नोएडा से आई साधना का कहना है कि वो पहले की तरह शॉपिंग नहीं कर पा रही है. 500 और 1000 रुपए के नोट को कोई ले नहीं रहा है, एटीएम में भी काफी भीड़ है. 1 या 2 घण्टे इंतज़ार नहीं किया जा सकता.
वहीं यहां आये गर्ग परिवार का भी यही कहना है कि पिछले साल तक यहां पांव रखने तक की जगह नहीं होती थी. लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है और वो खुद भी नोटबंदी को लेकर कम ही खर्च कर रहे है. ताकि पैसे ज़्यादा खर्च ना हो.
कस्टमर्स की सहूलियत के लिए मोबाइल एटीएम और कैश वैन
ट्रेड फेयर के आयोजकों ने लोगों के लिए कुछ व्यवस्था की है ताकि वो पैसे निकाल सके. इसके लिए पंजाब नेशनल बैंक के 2 मोबाइल एटीएम को अलग-अलग गेट पर लगाए गए हैं और बुज़ुर्गो के लिए भी अलग व्यवस्था की गयी है. जहां मोबाइल कैश वैन से वो अपने नोट को बदलवा सकते हैं. यहाँ आए रमेश नागर का कहना है कि ये एक अच्छी पहल है और इससे सहूलियत भी मिलेगी.
27 नवम्बर तक चलेगा ट्रेड फेयर
ट्रेड फेयर पर नोटबंदी का असर को देखते हुए ट्राडेफेयर के आयोजकों ने 12 साल से छोटे बच्चों की एंट्री फ्री की है. तो इसके साथ ही वयस्क के लिए लिए भी एंट्री टिकट के रेट घटाए गए हैं. वीक डेज पर टिकट की कीमत 60 से घटाकर 50. वीकेंड पर टिकट 120 से घटाकर 100 रुपये की गई है. ट्रेड फेयर 27 नवम्बर तक चलेगा.
आपको बता दें कि पिछले साल ट्रेड फेयर में करीब 15 लाख लोग आये थे, लेकिन इस बार कम लोग आने से व्यवसायी परेशान है. उनका अनुमान है कि नोटबंदी के चलते पिछले साल के मुकाबले लोग इस बार कम आएंगे.
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