नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए तीनों जवानों को आज नम आंखों से अंतिम विदाई दी जाएगी. तीनों जवानों के पार्थिव शरीर आज दोपहर तक उनके घर पहुंचेंगे और फिर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
25 साल के थे शहीद प्रभु सिंह
माछिल सेक्टर में शहीद हुए प्रभु सिंह सिर्फ 25 साल के थे. दो साल पहले ही शादी हुई और 10 महीने की मासूम बेटी पलक है. शहादत के एक दिन बाद ही यानी कल उनका जन्मदिन भी था, लेकिन खुशियों के बजाए परिवार में अब मातम है.
13 राजपूताना राइफल्स के राइफलमैन प्रभु सिंह के पिता, चाचा सब आर्मी में रह चुके हैं. प्रभु बचपन से सेना में जाना चाहते थे. प्रभु का सपना पूरा भी हुआ, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि इतनी कम उम्र में वो देश के लिए बलिदान दे देंगे.
राजस्थान में जोधपुर के शेरगढ़ में खीरजां गांव में रहने वाले प्रभु सिंह का पार्थिव शरीर आज दोपहर तक गांव में पहुंचेगा और फिर गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
19 राजपूताना राइफल्स के राइफलमैन थे शहीद शशांक कुमार
19 राजपूताना राइफल्स के राइफलमैन शशांक कुमार सिंह के घर भी आंसुओं का समंदर बह रहा है. यूपी के गाजीपुर में रहने वाले शशांक भी सिर्फ 25 साल के थे. तीन भाइयों में सबसे छोटे शशांक ने 2011 में सेना ज्वाइन किया था, एक बड़े भाई दो राजपूताना राइफल्स में ही हैं. अगले साल मई में शंशाक की शादी होनी थी, जिसके लिए खपरैल वाले घर को तोड़कर पक्का किया जा रहा था. लेकिन अब परिवार के सारे सपने बिखर गए हैं.
बेटी और एक बेटे को अपने पीछे छोड़ गए मनोज कुशवाहा
माछिल सेक्टर में ही शहीद हुए गनर मनोज कुशवाहा का घर भी गाजीपुर में ही है, बुद्दुपुर इलाके में उनके घर भी माता पिता पत्नी बहन भाई सब रो रहे हैं. मनोज का पार्थिव शरीर भी आज दोपहर तक घऱ पहुंचेगा. मनोज की छह साल बेटी और चार साल का बेटा भी है. मनोज की उम्र 31 साल थी.
मनोज कुशवाहा का अंतिम संस्कार आज सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा. 57 राष्ट्रीय राइफल्स के गनर मनोज कुशवाहा और शहीद शशांक सिंह के परिवारों को उत्तर प्रदेश सरकार ने 25-25 लाख रुपये की मदद का एलान भी किया है.
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