Monday, November 21, 2016

एक-दूसरे के खातों में जमा किया काला धन तो होगी 7 साल की कैद: आयकर विभाग

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने अपनी अघोषित राशि दूसरों के बैंक खातों में जमा करवाने वालों को आगाह किया है. विभाग ने इस मामले में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बेनामी लेनदेन कानून के तहत आरोप लगाने का फैसला किया है जिसमें जुर्माना व अधिकतम सात साल की कैद की सजा हो सकती है.
50 करोड़ रुपए की नकदी जब्त
इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि विभाग ने 8 नवंबर के बाद उसने अप्रचलित नोटों के संदिग्ध इस्तेमाल को लेकर 80 से अधिक सर्वे और लगभग 30 तलाशियां ली जिनमें 200 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित आय पकड़ी गई. इस तरह की कार्रवाई में 50 करोड़ रुपए की नकदी भी जब्त की गई है.
सरकार ने 500 और 1000 रुपए के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा 8 नवंबर को की थी. कर अधिकारियों ने इस तारीख के बाद बैंक खातों में भारी नकदी जमा कराए जाने के मामलों की पड़ताल के तहत देश भर में अभियान चलाया है.
कानून 1988 के तहत की जाएगी कार्रवाई
अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में संदेह सही पाए जाने पर बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून 1988 के तहत कार्रवाई की जाएगी. यह कानून चल व अचल, दोनों संपत्तियों पर लागू होता है. इस कानून के तहत राशि जमा कराने वाले व जिसके खाते में जमा हुई, दोनों को पकड़ा जा सकता है.
सीबीडीटी ने आयकर विभाग को निगरानी रखने के लिए कहा
सूत्रों ने कहा,‘ सीबीडीटी ने आयकर विभाग से कहा है कि वह उन मामलों पर कड़ी निगरानी रखे जिनमें 500 और 1000 रुपए के पुराने मुद्रा नोटों का इस्तेमाल करते हुए अपने कालेधन को वैध बनाने और छुपाने के लिए दूसरों के बैंक खातों के इस्तेमाल का संदेह हो.’
उन्होंने कहा,‘ इस संबंध में कुछ मामले पहले ही सामने आए हैं और विभाग बेनामी कानून के तहत नोटिस जारी करेगा.’ उन्होंने कहा कि शुरू में उन मामलों में नोटिस जारी किए जाएंगे जिनमें 2.50 लाख रुपए की सीमा से अधिक बड़ी राशि में धन जमा कराया गया हो. लेकिन इससे कम राशि वाले उन मामलों की भी जांच होगी जिनमें बैंक या वित्तीय आसूचना इकाई संदिग्ध लेनदेन की शिकायत करेंगे.’

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