पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में एक अस्पताल के जिम्मेदाराना हरकत की वजह से नवजात की जान चली गई. पुणे के मशहूर म्युनिसिपैलिटी हॉस्पिटल रूबी हॉल क्लिनिक का दावा है कि यहां बेहतर से बेहतर इलाज की सुविधा है और यहां आनेवाले नई जिंदगी लेकर वापस जाते हैं. लेकिन अब आरोप है कि इसी अस्पताल की वजह से एक मासूम की जान चली गई.
शुक्रवार को पुणे के केईएम अस्पताल में आम्रपाली खुंटे नाम की एक महिला ने बेटी को जन्म दिया था. पैदा होते ही बच्ची को सांस लेने में तकलीफ होने लगी. केईएम अस्पताल के डॉक्टरों ने जरूरी सुविधा के अभाव में बच्ची को रूबी हॉल क्लिनिक ले जाने के लिए कहा.
इसके बाद परिवार ने रूबी हॉल क्लिनिक से संपर्क किया. ऑपरेशन का खर्च साढ़े तीन लाख रुपए बताया गया. खुंटे परिवार के पास नए नोट नहीं थे. लिहाजा इन्होंने एक लाख रुपये के पुराने नोट और बाकी के पैसे चेक से अदा करने की बात कही, लेकिन अस्पताल नहीं माना.
खुंटे परिवार सुबह दस बजे से लेकर शाम छह बजे तक रूबी हॉल क्लिनिक के सामने अपनी बच्ची को बचाने की गुहार लगाता रहा है लेकिन अस्पताल नए नोट को बिना इलाज के लिए तैयार नहीं हुआ. आखिरकार कुछ घंटे के बाद ही बच्ची की मौत हो गई.
अब जब रुबी हॉल क्लिनिक से बच्ची की मौत पर सवाल पूछा जा रहा है तो अस्पताल के डायरेक्टर उच्च आदर्शों की दुहाई दे रहे हैं. ऐसा नहीं है नोटबंदी के बाद इलाज से इनकार करने की ये पहली घटना है. देश के कोने-कोने से रोज ऐसी खबरें आ रही हैं. ऐसे में जरूरी है कि सरकार ऐसे अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई करे ताकि और किसी घर में किलकारियां गूंजने से पहले ही मातम पसर जाए.
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