Wednesday, November 23, 2016

अब किसानों की दिक्कतें होंगीं दूर, सहकारी बैंकों को मिलेंगे 21,000 करोड़ के कैश

नई दिल्ली: बुवाई के मौसम में किसानों को हो रही दिक्कतों से बचाने के लिए सरकार ने डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के लिए 21 हजार करोड़ रुपये की नकदी का इंतजाम किया है. ये रकम किसान क्रेडिट कार्ड, बैंक खाते या फिर दोनों के जरिए निकाली जा सकेगी.
नोटबंदी के बीच देश भर में करीब पौने चार सौ डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैकों के किसान ग्राहकों के लिए परेशानी लगातार बढ़ती ही जा रही थी. वैसे तो इन बैंकों से हर हफ्ते 24 हजार रुपये निकालने की इजाजत है, लेकिन इन बैंकों में ना तो नोटों की अदला-बदली हो सकती है और ना ही जमा कराए जा सकते हैं. दूसरी ओऱ किसानों के लिए संस्थागत स्रोतों से मिलने वाले कर्ज का करीब 40 फीसदी इन्हीं बैंकों से आता है. चूंकि इन बैंकों मे नकदी की परेशानी है, इसी को ध्यान में रखते हुए नाबार्ड ने इन बैंकों के लिए 21 हजार करोड़ रुपये की नकदी आवंटित किए हैं.
अनुमान है कि
– ड्रिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंकों को खेती बाड़ी के लिए कर्ज मंजूर करने और बांटने के लिए करीब 35 हजार करोड़ रुपये की जरुरत होगी.
– हर हफ्ते जरुरत 10 हजार करोड़ रुपये की होगी.
– इसी के मद्देनजर नाबार्ड नकद मुहैया कराएगा जिसके जरिए ड्रिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए प्राइमरी एग्रीकल्चर सोसाइटी और किसानों को कर्ज देने में आसानी हो.
किसान अपने खातों से 24 हजार रुपये निकालने के साथ-साथ किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 25 हजार रुपये का कर्ज भी ले सकते हैं. कार्ड के जरिए रकम मंजूर कर्ज की सीमा के तहत ही होगी.

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