Friday, November 11, 2016

जरूर देखें: GPS वाले 2 हजार के नोट का सच

नई दिल्ली: दो हजार रुपए के नए नोट की तमाम खूबियां बताई जा रही हैं. अभी ये नोट कुछ ही लोगों के पास पहुंचा होगा लेकिन दावा ये किया जा रहा है कि 2 हजार रुपए के इस नोट में मशीन लगी हुई है. एक ऐसी नैनो चिप लगी हुई जो आपको दिखाई नहीं देगी लेकिन नोट जमीन में भी गाड़ दिए तो भी उसका पता चल जाएगा. 
आखिर क्या है जीपीएस वाले नोट का सच इस नोट को जब आप ट्यूबलाइट की रोशनी में देखेंगे तो आपको नोट में इस जगह पर 2 हजार लिखा हुआ दिखाई देगा जो ऐसे नहीं दिखेगा. लेकिन क्या 2 हजार के इस नए नोट में कोई चिप भी लगी हुई है.. जो आंखों को दिखेगी नहीं.
2 हजार के इस नोट में इस जगह पर सुरक्षा का धागा है जिसमें आऱबीआई, भारत 2000 छपा हुआ है जब आप इस नोट को टेढ़ा करेंगे तो ये धागे का रंग हरे से नीला होता जाएगा. लेकिन क्या इसमें कोई ऐसे सेंसर लगाए गए हैं जो देश के किसी भी हिस्से में.. पहाड़ से लेकर मैदान तक.. और बीहड़ से लेकर भीड़भाड़ तक नोट की लोकेशन का पता बता देंगे.
जल्द ही एटीएम और बैंक तक पहुंचने वाले इस नोट में इस खाली जगह पर महात्मा गांधी और 2000 का वाटरमार्क होगा. लेकिन क्या इसके अलावा इस नोट में नैनो जीपीएस चिप लगाई गई है जो जमीन से 120 मीटर नीचे तक नोट अगर गाड़ दिए जाएं तो सरकार उसको भी खोद लाएगी.
ये तमाम सवाल इसलिए क्योंकि 2 हजार का नया नोट बाजार में आने के साथ ही फेसबुक पर चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है.
अब तक किसी नोट में ऐसी कोई चिप नहीं थी. लेकिन मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा है कि नए नोट में नैनो जीपीएस चिप लगी है. ये चिप क्या होती है? लगी है या नहीं लगी है? और अगर लगी है तो नोट में किस जगह पर लगी है? और क्या उस चिप को निकाला नहीं जा सकता या? फिर उसकी नकल कर नकली नोट नहीं बनाए जा सकते हैं?
इन तमाम सवालों का जवाब देंगे लेकिन सबसे पहले देखिए वो मैसेज जो बहुत तेजी से देश के करोड़ों मोबाइल तक पहुंच चुका है-
इस मैसेज में लिखा है- काले धन को छुपा कर रखने वालों.. आपके इलाज की तैयारी चल रही है. ये तो आप जानते हीं है पर अब सरकार स्वदेशी नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग करके इस बीमारी को हमेशा के लिए खत्म करने की तैयारी में है. 2000 के नोट में एनजीटी लगा है यानि नैनो जीपीएस चिप. ये चिप सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाएगी. इसको किसी पावर की जरूरत नहीं होगी और ये केवल सिग्नल रिफ्लेक्टर की तरह काम करेगा. हर नोट पर अलग नंबर की जानकारी भी रहेगी. जिससे किस जगह कितने पैसे हैं ये भी पता चल जाएगा.
और सबसे बड़ा चौंकाने वाला दावा ये है कि जमीन के अंदर 120 मीटर तक की गहराई तक सिग्नल मिलेंगे. यानि पैसा गाड़ कर रखने वालों की खैर नहीं. दावा है कि ये जो हरे रंग की लाइन दिख रही है यहीं पर वो नैनो जीपीएस चिप भी लगी हुई है.
फेसबुक पर हर रोज नया दावा होता है लेकिन ये दावा चौंकाने के साथ-साथ बड़ा इसलिए है क्योंकि ये पूरे देश के साथ जुड़ा है इस दावे का सच सामने आना जरूरी है क्योंकि 2 हजार का नोट हर घर का हिस्सा बनने वाला है. इसलिए हर इंसान ये जानना चाहता है कि सरकार बैंगनी और सफेद रंग का 2 हजार रुपए का जो नया नोट ला रही है क्या वाकई उसमें कोई जीपीएस चिप लगी हुई है.
इस खबर का सच जानने के लिए हमने साइबर एक्सपर्ट से पूछा क्या नोट में चिप लगाना मुमकिन है? हमने फिजिक्स के प्रोफेसस से पूछा क्या वाकई नैनो जीपीएस तकनीक बिना पावर के काम करती है? हमने विज्ञान के जानकारों से पूछा कि जीपीएस और नैनो जीपीएस तकनीक के बीच फर्क क्या होता है? इन तमाम सवालों का जवाब हम आपको देंगे लेकिन सबसे पहले आप जान लीजिए कि जीपीएस से क्या हो सकता है?
जीपीएस यानि ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम आप हर रोज करते हैं जब आप अपने मोबाइल पर कैब बुक करते हैं.. किसी जगह का पता ढूंढते हैं.. जीपीएस डिवाइस से सिग्नल मिलते हैं जो मैप पर उस जगह को दिखाती है.. ट्रेन, जहाज, सेना विज्ञान हर जगह इसका इस्तेमाल होता है लेकिन अब सवाल ये है कि नैनो जीपीएस चिप क्या है और इससे कितनी अलग है. तकनीक का पता तो चल गया लेकिन दावा है कि नैनो चिप बिना किसी पावर के काम करेगी. मतलब नोट में पावर की तो कोई व्यवस्था नहीं है.. तो फिर ये चिप काम कैसे करेगी.. क्या नैनो जीपीएस की ऐसी कोई तकनीक है जो बिना पावर के काम करती हो? लेकिन इंडियन सेलुलर एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज महेंद्रू के मुताबिक नोट के अंदर चिप लगाना मुमकिन है.
सरकार को 2 हजार का एक नोट छापने में 3 रुपए 17 पैसे का खर्च आएगा. और अगर सरकार ऐसी कोई चिप नोट में लगाने की कोशिश करती है तो हर नोट पर चिप लगाने के लिए 50 रुपए खर्च करने होंगे जो बहुत महंगा सौदा साबित होगा. सबसे जरूरी और ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रधानमंत्री ने मंगलवार रात जब देश के नाम संबोधन करते हुए 500 और हजार के नोट बंद करने का एलान किया उसके बाद रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने तमाम सवालों का जवाब देते हुए नोट के बारे में जानकारी दी थी लेकिन किसी ने ऐसी किसी चिप का कोई जिक्र नहीं किया था.
उसके बाद अगले दिन यानि बुधवार को हर अखबार में रिजर्व बैंक ने नए नोट का विज्ञापन जारी किया. विज्ञापन में नए नोट के बारे में 17 प्वाइंट बताए गए हैं. नोट में स्वच्छ भारत अभियान से लेकर मंगलयान तक के लोगों की जगह बताई गई है लेकिन इन 17 प्वाइंटर में कहीं किसी चिप का कोई जिक्र नहीं किया गया है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 2 हजार के नए नोट में ऐसी कोई नैनो जीपीएस चिप नहीं लगी हुई है. अगर वाकई कोई चिप इसमें लगी होती तो सरकार क्यों छिपाती. इस सवाल का जवाब भी शाम को 5 बजे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया. जेटली ने साफ-साफ कहा कि ये खबर कहां से आई वो नहीं जानते. इसलिए हमारी पड़ताल में वायरल हो रहा ये मैसेज झूठा साबित हुआ है.

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