Thursday, November 10, 2016

आउटर में लूटी गईं सबसे ज्यादा कारें

5,15,18,20,23,43 साउथ दिल्ली,साउथ-वेस्ट आउटर
वसंत कुंज से अलीपुर तक हरियाणा बॉर्डर पर लगातार एसयूवी गाड़ियां लूटी जा रही हैं। लुटेरे ऑडी, एनडेवर और फॉरच्युनर जैसी बड़ी गाड़ियों को टारगेट कर रहे हैं। जो गाड़ियां अंदरूनी पॉश इलाकों से लूटी जा रही हैं, वे भी हरियाणा की ओर ले जाई गईं। इस साल लूटी गई 51 गाड़ियों का सुराग नहीं मिला है, हालांकि 60 बरामद कर ली गईं। 

राजधानी में कार चोरी के ट्रेंड से पता चलता है कि रात में कॉलोनियों में पार्क की गई कारों को चुराकर सबसे ज्यादा यूपी ले जाया गया। मेरठ में सोतीगंज और किठौर के चोरों की गिरफ्तारियां और चोरी की गई कारों की बरामदगी उनसे हुई हैं। दूसरी ओर, पिस्टल दिखा कर कारें लूटने में सबसे ज्यादा हरियाणा के क्रिमिनल एक्टिव हैं। पिछले सालों में हरियाणा के अपराधी दिल्ली में सक्रिय हुए हैं। इस साल सबसे ज्यादा गाड़ियां आउटर डिस्ट्रिक्ट में लूटी गईं। रोहिणी से अलीपुर तक इस इलाके में इस साल 45 कारें लूटी गईं। इनमें बाहरी दिल्ली और हरियाणा के क्रिमिनल शामिल रहे। इस इलाके में बड़े गैंगस्टर एक्टिव हैं, इनके गिरोह बड़े हैं और इनके लिंक हरियाणा के अपराधियों से हैं। इन 45 गाड़ियों में से 23 कारें बरामद कर ली गईं। 22 गाड़ियों का पता अभी तक नहीं चला है। 

कार रॉबरी में दूसरे नंबर पर रहा साउथ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट। इस साल यहां से 20 कारें लूटी गईं, जिनमें से 18 बरामद कर ली गईं। इस बार यहां पिछले साल की तुलना में कार रॉबरी में खासी कमी आई है। पिछले साल के पहले 10 महीनों में यहां 53 कारें लूटी गई थीं। डीसीपी साउथ वेस्ट सुरेंद्र कुमार ने कहा कि ज्यादातर कारें नजफगढ़, बहादुरगढ़, गुड़गांव, झज्जर, रोहतक और सोनीपत के क्रिमिनल लूटते थे। इस साल साउथ वेस्ट दिल्ली की पुलिस ने कार लूट की वारदात में शामिल रहे 35 मुलजिम गिरफ्तार किए हैं। इन गैंगस्टरों के जेल में बंद होने की वजह से कार रॉबरी कम हुई है। 

कार रॉबरी में तीसरे नंबर पर साउथ दिल्ली है। यहां महिपालपुर और वसंत कुंज के 

खुले इलाके से पिछले कई सालों से कारें लूटी जा रही हैं। इस साल साउथ दिल्ली में 15 

कारें लूटी गईं, लेकिन महज पांच ही बरामद की जा सकीं।




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स्पीकर आज करेंगे बड़ा खुलासा

 विस, नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल बुधवार को एक संवैधानिक संस्था से जुड़े मामले पर बड़ा खुलासा कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक स्पीकर बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे और संविधान संस्था से जुड़े एक मामले पर मीडिया से बात करेंगे। सूत्रों का कहना है कि यह बड़ा मामला है और स्पीकर ने कानून और संविधान विशेषज्ञों की राय भी मांगी थी।



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गर्भवती पत्नी का सेक्स से इनकार क्रूरता नहीं: दिल्ली HC

नई दिल्ली

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि गर्भवती महिला का सेक्स से इनकार क्रूरता नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि यह कारण किसी भी सूरत में तलाक का आधार नहीं हो सकता।

कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि यदि पत्नी सुबह देर से जगती है, बेड पर ही चाय मांगती है, तो यह क्रूरता नहीं बल्कि आलस्य है। बता दें कि युवक ने क्रूरता को आधार बनाते हुए परिवार न्यायालय में तलाक याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।

जस्टिस प्रदीप नंदराजोग व जस्टिस प्रतिभा रानी की संयुक्त बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि गर्भ में भ्रूण लिए महिला को सेक्स से जाहिर तौर पर परेशानी होगी, यह पति पर की गई क्रूरता नहीं है।
बता दें कि कुछ वक्त पहले एक फैसले में पति को लंबे वक्त से सेक्स से इनकार करने और इसके पीछे कोई वाजिब कारण न बताने को दिल्ली हाई कोर्ट ने मानसिक क्रूरता माना था व इसे तलाक का आधार भी बताया था।

खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा था, 'पेश तथ्यों के आधार पर हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पति ने यह तथ्य पूरी तरह साबित किया है कि एक ही छत के नीचे रहते हुए और बिना किसी शारीरिक परेशानी और न्यायोचित कारण के पत्नी ने लंबे समय तक सेक्स से इनकार करके उसके साथ मानसिक क्रूरता की है। ऐसे में तलाक के आवेदन को मंजूर किया जाता है।' 



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मेट्रो स्टेशन के पास बाप-बेटे पर जानलेवा हमला

तीस हजारी के पास हुई वारदात में कारोबारी को गोली मारी 

• वस, सिविल लाइंस



मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार देर रात मॉडल टाउन के बिजनेसमैन पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या की कोशिश की गई। तीस हजारी के पास हुई इस वारदात में अशोक छाबड़ा (60) को एक गोली व चाकू लगे हैं। उनके बेटे धरस छाबड़ा (30) पर चाकू से हमला किया है। दोनों को नाजुक हालत में सेंट स्टीफंस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों बयान देने की हालत में नहीं थे। सेंट स्टीफंस अस्पताल के सीएमओ की तरफ से पुलिस को कॉल करके इत्तला दी गई। तब जाकर सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

इस मामले में पुलिस अफसरों ने बताया कि वारदात को लूटपाट के मकसद से नहीं, बल्कि निजी रंजिश से अंजाम दिया गया। बिजनेसमैन पिता-पुत्र पुलिस को जांच में पूरी तरह सहयोग नहीं कर रहे हैं। अशोक छाबड़ा अपने परिवार के साथ मॉडल टाउन टैगोर पार्क इलाके में रहते हैं। वह अपने बेटे धरस के साथ सदर बाजार में कॉस्मेटिक की शॉप चलाते हैं। सोमवार रात वह बेटे के साथ सेंट स्टीफन मेट्रो स्टेशन पर अपनी गाड़ी लेने के लिए आए थे। तभी अज्ञात हमलावरों ने पिता-पुत्र पर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस के मुताबिक अशोक को एक गोली पीठ के पास लगी थी। शरीर पर भी कई जगह चाकू से गंभीर वार किए गए थे। हमलावरों ने उनके बेटे धरस पर भी चाकू से जानलेवा वार किए। अभी तक पुलिस को यह नहीं पता चला है कि है कि आखिर हमलावर कौन थे और कितने थे। आखिर उन्होंने उन पर हमला क्यों किया। पुलिस घटनास्थल के आस-पास सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। 


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खुले में शराब पी रहे 36 लोग अरेस्ट

सरकार की कार्रवाई, "5-5 हजार जुर्माना भी• एक्साइज डिपार्टमेंट ने सोमवार रात से यह अभियान जारी किया है• जब तक लोग खुले में शराब पीना बंद नहीं करते, मुहिम जारी रहेगी• मोबाइल मैजिस्ट्रेट के लिए सरकार ने हाई कोर्ट को लिखा है लेटर

• विशेष संवाददाता, नई दिल्ली 



दिल्ली सरकार ने खुले में शराब पीने वालों के खिलाफ सोमवार रात से कार्रवाई शुरू की है। एक्साइज डिपार्टमेंट की टीमों ने अलग-अलग जगहों पर जाकर ऐसे 36 लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया है।

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों की 10 स्पेशल टीमें बनाई गई थीं। हर टीम में 4-4 ऑफिसर्स थे। इन टीमों ने शहर में 17 जगहों पर जाकर खुले में शराब पी रहे लोगों को पकड़ा और 17 पुलिस स्टेशनों 

में उन्हें सौंपा। 

यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक लोग खुले में शराब पीना बंद नहीं करते। हमने हाई कोर्ट को मोबाइल मैजिस्ट्रेट के लिए लेटर लिखा है। अभी एक्साइज डिपार्टमेंट की टीमें लोगों को अरेस्ट करके पुलिस स्टेशन ले जाती हैं। सरकार चाहती है कि इस मुहिम में 10 मैजिस्ट्रेट भी जुड़ें। जिन लोगों को पकड़ा जाए, उनका ऑन द स्पॉट चालान किया जाए। उन्होंने बताया कि एक्साइज डिपार्टमेंट की टीमों ने मार्केट, कार और सड़कों पर शराब पी रहे लोगों को पकड़ा। सरकार का मकसद लोगों को जेल भेजना नहीं है, बल्कि खुले में शराब पीने वालों को चेतावनी है कि अब इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार ने अवेयरनेस कैंपेन भी चलाया था। लोगों को जागरूक किया जाता रहेगा। सरकार की अपील और चेतावनी के बाद भी जो लोग नहीं मानेंगे, उन्हे जेल जाना पड़ेगा और मुकदमे का सामना भी करना होगा। पकड़े गए 36 लोगों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। 

एक्साइज डिपार्टमेंट की टीमों ने शास्त्री पार्क, पुस्ता, देशबंधु गुप्ता रोड करोल बाग, नेहरू प्लेस, ऑटो मार्केट जमरूद्दपुर, वसंत स्कवॉयर मॉल, डिस्ट्रिक्ट सेंटर जनकपुरी, लोकल मार्केट रनहौला, पीवीआर कॉम्पलैक्स विकासपुरी, इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 मंगोलपुरी, कुशल सिनेमा जहांगीरपुरी, डीपी मार्केट पीतमपुरा, रजोकरी फ्लाईओवर, सब्जी मंडी, अंडरपास कस्तूरबा नगर में जाकर खुले में शराब पीते लोगों को पकड़ा है। खुले में शराब पीने वालों पर 5 हजार और हंगामा करने वालों पर 10 हजार रुपये तक जुर्माना भी लगाया जाएगा।




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एटीएम के बाहर लग गईं लंबी लाइनें


लोगों में 100 रुपये के नोट निकालने की होड़ मच गई• नगर संवाददाता, नई दिल्ली



पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट को बैन करने का ऐलान होते ही दिल्ली के सभी एटीएम में मंगलवार रात को अफरातफरी का माहौल नजर आया। हालांकि इस बड़े कदम को लेकर लोगों का मिला-जुला रिस्पॉन्स नजर आया।

प्रधानमंत्री के टीवी पर इस कदम का ऐलान करते ही घरों, दफ्तरों, दुकानों पर जहां पर जो भी लोग थे, तुरंत उन्होंने नजदीकी एटीएम का रुख किया। नतीजा यह हुआ कि एटीएम के बाहर लोगों की लम्बी लाइनें लग गईं। हालांकि कई एटीएम में 100 रुपये का नोट न होने की वजह से लोगों को निराश लौटना पड़ा। जिन एटीएम में 100-100 के नोट मिल रहे थे, वहां भी लोगों के बीच इसे कलेक्ट करने की होड़ नजर आई।

बंगाली मार्केट, साउथ एक्स, नेहरू प्लेस, कनॉट प्लेस और कई मार्केट प्लेस में एटीएम के बाहर लंबी लाइनें नजर आने लगीं। कई छोटे दुकानदार ने लोगों से 500 रुपये के नोट लेना बंद कर दिए और वह खुले नोट कस्टमर से डिमांड करने लगे। कुछ व्यापारियों और लोगों ने कहा कि पीएम का यह एलान पैनिक क्रिएट करेगा। गरीब और किसानों के लिए यह बिलकुल भी सही फैसला नहीं है। 


छोटे व्यापारियों और आम जनता पर पड़ेगा असर : बंगाली मार्केट के दुकानदार सतीष अग्रवाल ने कहा कि छोटे व्यापारियों और आम पब्लिक के लिए यह फैसला सही नहीं है। बड़े बिजनेसमैन को इससे फर्क नहीं पड़ेगा। अगर किसी का बिल 500 रुपये का आया है। तो वह 500 रुपये का नोट ही देगा। वहीं श्वेता बंगाली मार्केट में अपने फ्रेंड्स के साथ खाना खाने पहुंची थी। उन्होंने कहा कि मेरे पास दो 1000 रुपये के नोट हैं। खुले पैसे नहीं है। मेरे पास 100 रुपये के नोट ज्यादा नहीं है। मुझे से 1000 रुपये के नोट कोई नहीं ले रहा है। 

कुछ दुकानदारों ने कहा कि वह 72 घंटे तक लेंगे 500 के नोट : किराने की दुकान चलाने वाले अमित गुप्ता ने कहा मैं 500 रुपये के नोट कस्टमर्स से ले रहा हूं। मैं 72 घंटे तक 500 रुपये के नोट लूंगा। इसके बाद दूसरे व्यापारियों के साथ 500 रुपये से ही लेन देन किया जाएगा। मैं प्रधानमंत्री के इस फैसले को बिलकुल भी सहमत नहीं हूं। इससे व्यापारियों और गरीब लोगों पर असर पड़ेगा। कई लोगों के पास बैंक अकाउंट नहीं है।




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आश्चर्य और आतंक: इतिहास खुद को दोहराता है 38 साल बाद





पहली बार उच्च मूल्य के नोटों जनवरी 1978 के demonetised.In किया गया है, मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार काले धन पर अंकुश लगाने के लिए 1,000 रुपये, 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोटों demonitised था नहीं यह है .इस के बाद एक साल से भी कम था आपातकाल हटा लिया गया था।पुराने टाइमर याद है कि निर्णय तो भी आश्चर्य से सार्वजनिक लिया था, बैंकों के लिए आतंक और एक भीड़ को हालांकि लोगों को पुराने नोटों का आदान-प्रदान करने के लिए समय दिया गया था अग्रणी।
परिप्रेक्ष्य में बातें करने के लिए, 1978 में 1,000 रुपए का नोट दक्षिण मुंबई में अचल संपत्ति अंतरिक्ष के 5 वर्ग फुट खरीद सकता है। 2016 में, एक 500 रुपए का नोट भी एक वर्ग फुट की 100 वीं लायक नहीं होगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल हरीश ने कहा कि काले धन के साथ लोगों को आयकर अधिकारियों के डर की वजह से बैंकों में उनके उच्च मज़हब मुद्रा जमा करने के लिए अनिच्छुक थे। "क्रॉफर्ड मार्केट और जवेरी बाजार जैसी जगहों पर, पीईओ मिसाल के रूप में छोटा रूप में 300 रुपये के लिए रुपये में बेच रहे थे 1,000 नोट्स," उन्होंने कहा।
बैंकों में लोगों को एक के रूप में भरने के लिए कहा जब वे पुराने notes.The बैंकों का आदान-प्रदान करने के लिए आईटी सेल को सूचित करेंगे अगर लोगों को असामान्य रूप से बड़ी मात्रा के साथ में चला आया था।"अगर वे आय के स्रोत व्याख्या करने में असमर्थ थे, यह विंग प्रचलित कर, जो उन दिनों में 90% के रूप में उच्च था लेवी होगा," उन्होंने कहा।
कहा अधिवक्ता निशीथ देसाई, "मुझे याद है 1978, जब लोगों को बैंक के लिए नकदी से भरा बैग के साथ जाना पड़ा। यह एक अच्छा कदम है, लेकिन यह विचार पुराना है। "
Kalyaniwala और मिस्त्री के साथ एक वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट ने कहा, "आप काला धन बाहर निकलवाने के लिए चाहते हैं, तो यह एक अच्छा कदम है। 1978 में, कोई बड़ा व्यवधान नहीं था, लेकिन जब से नोटों से आम लोगों के साथ नहीं थे। तब वे रुपये demonetised था 1,000 के नोटों जो एक बहुत बड़ा मौद्रिक मूल्य था। 500 और 1000 के नोटों रुपया आज एक ही मूल्य नहीं है; यहां तक ​​कि सड़क पर औसत आदमी इन नोटों होगा। "




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